Re: राजस्थान का शौर्यपूर्ण इतिहास : एक परिचय
हजारी मनसब (पाँच हजार जात और पाँच हजार सवार और माचेड़ी की जागीर) दिलवाई। इस प्रकार प्रताप सिंह को मुगल बादशाह शाह आलम ने एक स्वतंत्र राजा के रुप में स्वीकार कर लिया और उसकी माचेड़ी की जागीर हमेशा के लिए जयपुर से स्वतंत्र कर दी।इसके पश्चात् १७७५ में प्रताप सिंह ने प्रतापगढ़, मुगड़ा व सेन्थस आदि स्थानों में गढ़ बनवाये
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'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो '
आपका दोस्त पंकज
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