Re: जीवन चलने का नाम।
आजकल टेंशन ज्यादा है। और-तो-और अब आठ साल का बच्चा भी कहता हैं की वह बहुत टेंशन में हैं। उधर, मम्मी-पापा भी टेंशन में हैं। बच्चो को डांट कर वो अपना टेंशन दूर करते हैं, पर बच्चे अपना टेंशन कैसे दूर करें। संयुक्त परिवार में एक ने डांटा, तो दो पुचकारने वाले थे। अब उसे समझनेवाला कोई नहीं हैं। इस भावनात्मक सपोर्ट के अभाव में न जाने कितने किशोरों को आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर किया। दुनियाँ के सर्वाधिक धनवान लोगों में एक बिल गेट्स का भी मन पढ़ाई में नहीं लगता था। वे हार्वर्ड में थे, पर पढ़ने के बजाय दिन भर कम्प्युटर पर टिप-टिप करते थे। उन्होने हार्वर्ड की पढ़ाई छोड़ दी। वे कम्प्युटर को इतना आसान बनाना चाहते थे की आम आदमी लाभ पा सके। इसके लिए उन्होने माइक्रोसॉफ़्ट कम्पनी बनायी, पर वे पहले प्रयास में सफल नहीं हुए। जल्द ही उन्हें सफलता मिली। उनके बनाए प्रोग्राम ने तहलका मचा दिया। 1987 में वे दुनियाँ के सबसे कम उम्र के अरबपति बन गये। कहानी यही खत्म नहीं होती। गेट्स ने टेक्नालजी का इस्तेमाल दुनियाँ की सबसे विकराल समस्या को दूर करने में लगाया। गरीबी, अशिक्षा व कुपोषण को खत्म करने का संकल्प लिया। गरीब मुल्कों में काम करना शुरू किया। गेट्स कहते है - टेक्नालजी मानवीय विकास के लिए होनी चाहिए। वे इसी सिद्धान्त पर काम करते हैं। आपका भी मन अगर कोर्स की किताबों में नहीं लगता, तो कुंठा में जीने व आत्मघाती कदम उठाने के बजाय अपनी रुचि को पहचानिए, उसे सामाजिक उद्देश्य से जोड़िए। जल्द ही आपके सामने नयी दुनियाँ होगी।
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