Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
इन चौहानों और भाटी क्षत्रियों के अधिकारों का ऐसा दृढ़ प्रमाण नहीं मिलता। जैसाकि उपरोक्त गुर्जर प्रतिहार (बड़ गुर्जर) के शासनाधिकार के समय का प्राप्त होता है। राजौरगढ़ के शिलालेख से पता चलता है कि सन् ९५९ में इस प्रदेश पर गुर्जर प्रतिहार वंशीय सावर के पुत्र मथनदेव का अधिकार था जो कन्नौज के भट्टारक राजा परमेश्वर क्षितिपाल देव के द्वितीय पुत्र श्री विजयपाल देव का सामन्त था। इसकी राजधानी राजपुर (वर्तमान राजोरगढ़) भी यहाँ उस समय का एक प्राचीन नीलकंठ शिव मंदिर अब भी विद्यमान है।
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आपका दोस्त पंकज
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