Re: राजस्थान का शौर्यपूर्ण इतिहास : एक परिचय
अलधराय के बाद उसके पुत्र सगर से निकुम्भ क्षत्रियों ने यह प्रदेश छील लिया और राजगढ़, बान्सूर, थानागाजी आदि कुछ प्रान्तों को छोड़कर इस राज्य के अधिकांश भाग में निकुम्भों का शासन रहा।
अलवर के गढ़ को इन्होंने सुदृढ़ किया तथा इण्डोर (तिजारा) में एक दूसरा दुर्ग बनवाया। उन दिनों राजगढ़ प्रान्त में बड़ गुर्जर थानागाजी में मेवात के मीणों एवं बान्सूर और मण्डवरा में चौहान क्षत्रियों का आधिपत्य था। राजगढ़ प्रदेश में राजा देव कुण्ड बड़गुर्जर ने वेदती नामक बसाकर उसे अपनी राजधानी बनाया।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो '
आपका दोस्त पंकज
|