Re: साक्षात्कार
इ दुर्घटना कब हुई
यहाँ ये गड़बड़ घोटाला जारी है और मुझे पता तक नहीं "धत तेरे की"
चलिए हमहूँ कुछ सवाल ठोकते हैं
* एक इंसान के रूप में अरविन्द जी अपने आप को कहाँ पाते हैं (एक से दस तक की रेटिंग में)
* आप भविष्य में अपने पुत्र को कहाँ देखना पसंद करेंगे, ये कतई जरूरी नहीं की आप अपनी पसंद उस पर थोपें पर फिर भी पिता क्या चाहता है
* क्या आपने आज तक कोई ऐसा कार्य किया है जो आपकी आत्मा को स्वीकार नहीं हो पर दिमाग उसे सही करार देता हो
* निजी व्यवसाय की अपनी समस्याए हैं और उनमें से के है घर पर कम समय दे पाना, आप सामंजस्य कैसे बैठाते हैं
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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