Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
स्वतंत्रता प्रेमी मालानी के योद्धा उत्तेजित हो उठे और अंग्रेजों के विरुद्ध दावे मारने लगे | अंग्रेजों ने संवत १८९१ वि.में मालानी पर सैनिक चढाई बोल दी | बाहड़मेरों ने भी ठाकुर श्याम सिंह चौहटन के नेतृत्व में युद्ध की रणभेरी बजाई | अपनी ढालें , भाले , सांगे और तलवारों की धारें तीक्षण की | कवि कहता है -
गढ़ भरुजां तिलंग रचै जंग गोरा, चुरै गिर गढ़ तोप चलाय |
माहव किण पातक सूं मेली , बाड़मेर पर इसी बलाय ||
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'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो '
आपका दोस्त पंकज
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