Re: बेटे की चाहत में 37 वर्ष से नहीं किया स्नान
एक साधु से मुलाकात के बाद खेती-बाड़ी से परिवार की गुजर करने वाले कैलाश के मन में यह बात बैठ गई कि स्नान न करने पर उन्हें ऐसे पुत्र की प्राप्ति होगी, जो ओजस्वी-शूरवीर होगा। उनका नाम दुनिया में रोशन करेगा। इसी विचार ने कैलाश को विवाह के कुछ वर्ष बाद स्नान न करने के लिए प्रेरित किया। समय के साथ स्नान न करने का विचार कैलाश में मजबूत होता गया और पुत्र की चाहत में कैलाश के घर सात बेटियां हो गईं।
शहर से लगभग तीस किलोमीटर दूर छतांव गांव आज कैलाश के कारण चर्चा में है। लोग उनके दीदार के लिए दूर-दूर से आते हैं। कुछ लोग उनकी सोच पर माथा पीटते हैं तो कुछ समझाने की कोशिश करते हैं। पहले स्नान न करने पर पत्**नी, बेटियां और गांव वाले कैलाश को ताना मारा करते थे। पत्नी कलावती ने तो कई बार उन्हें छोड़ने की भी धमकी दी। मगर कैलाश ने खुद को नहीं बदला। उन्हें आज भी विश्वास है कि उनकी मान्यता जरूरी पूरी होगी।
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