पराती
हाथे लिहली खुरपी गड़ुअवे जुड़ पानी
चलली मदोदर रानी दावना छिरके पानी
टूटि गइले खुरपी, ढरकि गइले पानी
रोयेली मदोदर रानी, कवना छिनारी के बेटा रहलन फुलवारी
हम ना जननी ए रनिया राउरे फुलवारी
केकर घोड़वा माई रे ओएडें-गोएड़ें जाय
केकर धोड़वा माई रे सोझे दउड़ल जाए
ससुर भसुर के घोड़वा ओएड़े-गोएड़े जाय
कवना दुलहवा के घोड़वा माई रे सोझे उदड़ल जाय
रोयेली कवन सुभई मटुकवे पोंछे लोर
हँसेले कवन दुलहा, मुँहे खाले पान।