Re: साहित्यकारों के विनोद प्रसंग
बे-अदबों से सीखा है
हकीम लुकमान अपनी तहजीब और अदब के लिए शहर भर में बहुत मशहूर थे और लोग उनकी बड़ी इज्ज़त करते थे.एक दिन हकीम लुकमान से उनके एक मित्र ने उनसे पूछा, “आपने यह अख़लाक़ और तहजीब कहाँ से सीखी?”
“बे-अदबों से और बेतहजीबो से.” उत्तर मिला.
“हकीम साहब, आप भी खूब मज़ाक करते हैं. भला ऐसे लोगों से भी कोई सीख सकता है?” मित्र ने आश्चर्य से उनकी ओर देखते हुये कहा.
मित्र की बात सुन कर हकीम लुकमान मुस्कुराये और बोले, अरे जनाब, इसमें हैरानी की क्या बात है? मैंने इन लोगों में जो बुरी बातें देखीं, अपने आप को उनसे दूर रखा. इस तरह अच्छाइयां मुझमे स्वतः आती गईं.”
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