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Old 10-08-2015, 10:09 PM   #8
Deep_
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Default Re: "अकेला बादल" मेरी पसंदीदा नवलकथा - २



रास्ते में अचानक टेक्सी पंचर हो जाती है। ओर कोई टेक्सी न मिलने के कारण बसंत भीगते हुए पहिया चेन्ज करने लगता है। बसंत को भीगते हुए काम करते देख कर लडकी को थोडी हमदर्दी होती है। उसे अपने खरी-खोटी सुनाने पर शायद अफसोस भी होता है।

गाडी ठीक कर के फिर से वह आगे बढते है। एक तंग गली के बाहर लडकी गाडी रोकने को कहती है। अब मज़े की बात यह थी की बसंत को मीटर देखना नहीं आता था और जेब में खुल्ले पैसे होने का तो सवाल ही नहीं था!

लडकी उतर कर मीटर देखते हुए किराया पुछती है। बसंत ने ईधर-उधर ढुंढ कर रेट-कार्ड निकाला। फिर एसे ही कुछ रकम कह दी। लडकी ने नोट निकाला थो वसंत ने कहा की खुल्ले नहीं है! लडकी को परेशान होते हुए देखनें में उसे अच्छा लग रहा था!

बाद में वसंत ने कहा की वह बाद में पैसे दे देगा। लडकी ने उसे उसके स्कूल पर आने को कहा जहां वह पढाती थी। और कहा की गेटमेन से कहना की मिस. कामना को बुला ले। फिर वह चली गई।

Last edited by Deep_; 10-08-2015 at 10:13 PM.
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