दुसरे दिन वह अपने मित्र को मिलता है और टेक्सी मांगता है। ड्राईवर के कपडे पहन कर वह उसी स्कुल के आगे खडा हो जाता है। स्कुल छुट गया लेकिन कामना बहुत देर से बाहर आई।
तब तक बसंत कई अंदाजे लगा चुका था की वह स्कुल आई होगी या नहीं, बिमार तो नहीं हो गई वगैरह।
वह अपने चेन्ज ले कर चलने लगी तो बसंत ने पुछा की टेक्सी में नहीं चाहिए?
कामना ने कहा की वह बस से आती जाती है, कल तो बारिश की वजह से टेस्की में जाना पडा।
ईस पर बसंत को निराशा होती है। कामना आगे बढ जाती है। बसंत का दिल डुबने लगता है!