Re: इधर-उधर से
Quote:
Originally Posted by rajnish manga
अधिकतर बाते हम जीवन में ऐसे ही मान लेते है क्योंकि सब कहते है। सोचते कहाँ है कि इसका वास्तविक अर्थ क्या है?’’
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बात तो बिल्कुल सही है............
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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