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Old 14-07-2013, 11:07 AM   #1
dipu
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Default टीम इंडि*या में ऐसे आए थे धोनी

टीम इंडि*या में ऐसे आए थे धोनी, उन्*हें लेकर हुआ था झगड़ा





भारत को त्रिकोणीय वनडे सीरीज के फाइनल में श्रीलंका पर रोमांचक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर वनडे क्रिकेट के इतिहास में खुद को सर्वश्रेष्ठ फिनिशर साबित किया। हालांकि धोनी का सफर इतना आसान नहीं रहा है। धोनी को पहली बार दिसम्बर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया में जगह मिली थी। हालांकि धोनी का सेलेक्शन आसानी से नहीं हुआ था। ईस्ट जोन लॉबी चाहती थी दीप दासगुप्ता को इस दौरे के लिए टीम में जगह देना चाहती थी। चयनकर्ताओं के पूर्व चेयरमैन किरण मोरे का कहना है कि धोनी के सेलेक्शन को लेकर सेलेक्टर्स के बीच झगड़ा भी हो गया था।

पूर्व क्रिकेटर किरन मोरे ने खुलासा किया है कि इंडियन क्रिकेट टीम में धोनी की राह आसान नहीं थी। मोरे ने बताया कि धोनी को उनलोगों ने पहली बार भुबनेश्वर में खेलते देखा। उस वक्त सभी ने उनकी तारीफ की थी। इसके बाद उन्हें दलीप ट्रॉफी में देखा जब वह मोहाली में खेल रहे थे। उनके खेल ने सभी को प्रभावित किया। इसके बाद धोनी को वर्ष 2003-04 में नैरोबी में होने वाले मुकाबले के लिए टीम में जगह मिली थी। उस मुकाबले के बाद धोनी ने दिसंबर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले एक दिवसीय श्रृंखला में अपने बल्ले का दम दिखाया।

जिस वक्त धोनी का सेलेक्शन इंडियन क्रिकेट टीम में हुआ, उस वक्त टीम में एक विकेट कीपर की बहुत कमी थी। टीम को ऐसा विकेट कीपर चाहिए था जो अच्छी बल्लेबाजी भी कर सके। टीम की सबसे बड़ी जरूरत थी कि विकेट कीपर वनडे मैचों में भी अपना दमखम दिखा सके। उस वक्त टीम में पृथ्वी पटेल और दिनेश कार्तिक विकेट कीपिंग किया करते थे पर उनके प्रदर्शन से चयनकर्ता पूरी तरह से आश्वस्त नहीं थे। किरन मोरे के मुताबिक दोनों लोग अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन दोनों काफी युवा थे। ऐसे में राहुल द्रविण को विकेट कीपिंग करना पड़ता था। चयनकर्ता यह कतई नहीं चाहते थे कि विकेट कीपिंग के चलते राहुल की बल्लेबाजी प्रभावित हो।
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Last edited by dipu; 14-07-2013 at 11:10 AM.
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