Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
अब मशीन कराएगी डॉल्फिन से आपकी बात
वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई डॉल्फिन स्पीकर मशीन विकसित की है, जिसके जरिए आप इन समझदार डॉल्फिनों से बात कर सकते हैं। दरअसल डॉल्फिन ध्वनि के एक ऐसे माहौल में रहती है, जो हमारे आसपास की ध्वनियों से काफी अलग है। वे ध्वनि तरंगों के उतार चढ़ावों में बारीक अंतर को भी पहचान सकती हैं और सुन भी सकती हैं। इन डॉल्फिनों की अपनी आवाजें बहुत कम आवृति (20 किलोहर्टज से भी कम) की भी हो सकती हैं और बहुत ज्यादा आवृति (150 किलोहर्टज से भी ज्यादा) की भी। ये आवृतियां इंसान के सुनने की क्षमता से काफी अलग हैं। इसके अलावा डॉल्फिनें आपस में बातचीत के लिए, आसपास का माहौल जांचने के लिए और अंधेरे समुद्र में शिकार करने के लिए कुछ विशेष ध्वनियां भी निकालती हैं। डॉल्फिनों से जुड़े श्रवण सम्बंधी शोधों का मुख्य फोकस डॉल्फिनों की आवाजों और उनकी सुनने की क्षमताओं को रिकॉर्ड करने पर रहता है। कुछ ऐसे प्रयोग किए जा चुके हैं लेकिन ऐसे स्पीकर मिलना काफी मुश्किल है जो कि बहुत कम आवृति से लेकर बहुत अधिक आवृति तक की एक बड़ी रेंज पर काम कर सके, जैसा कि डॉल्फिनें करती हैं। अब जापान के वैज्ञानिकों ने एक प्रोटोटाइप डॉल्फिन मशीन का विकास किया है जो कि इन जीवों की आवाजों की पूरी रेंज पर काम कर सके। टोक्यो जलीय विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता यूका मिशिमा ने लाइव साइंस को बताया कि मैं खुश हूं अगर हम इन डॉल्फिन स्पीकरों की मदद से डॉल्फिनों से बात कर सकें। इन डॉल्फिन स्पीकरों का परीक्षण अभी नहीं हुआ है। मिशिमा और उनके साथी कुछ वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इन स्पीकरों पर काम करने की योजना बना रहे हैं। हांग कांग में हुई अकोस्टिकल सोसाइटी आॅफ अमेरिका की बैठक में शोधकर्ताओं ने बताया कि इस मशीन का उद्देश्य है कि कुछ आवाजों की श्रेणियां संप्रेषित की जाएं फिर वापस आई ध्वनियों को रिकॉर्ड किया जाए। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि डॉल्फिनें आखिर कहती क्या हैं? इससे मानव और डॉल्फिन के बीच संवाद भी संभव होगा। सारासोता के न्यू कॉलेज आॅफ फ्लोरिडा के हेइदी हर्ले, जो कि इस शोध में शामिल नहीं थे, उनका कहना है, हम लोग इसके बारे में बहुत कम जानते हैं कि डॉल्फिनें अपनी खुद की आवाजों में भेद कैसे करती हैं? इस पर हमें और अध्ययन करने की जरूरत है। इस अध्ययन में यह मशीन मददगार हो सकती है। यह मशीन मानव और डॉल्फिन के बीच अनुवादक मशीन बनेगी कि नहीं, इस बात पर हर्ले का मानना है कि इतने बड़े दावे करने से पहले अभी बहुत से बोधात्मक और श्रवणात्मक विश्लेषण करने की जरूरत है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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