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Originally Posted by amit_tiwari
सांवरे बलम आपके रक्त दान देने के बाद उसे टेस्ट किया जाता है फिर ग्रुपिंग की जाती है, उसे जमने से बचाने के लिए कुछ सीरम मिलाये जाते हैं फिर उसे सुरक्षित वातानुकूलित स्थान पर रखा जाता है और इस सरे कार्यक्रम में खर्चा होता है तो इसको तो कहीं ना कहीं से निकलना होगा ना ??? तो लेने वाले से मूल्य लेना ही होता है | मेरी जानकारी में कुछ ऐसे ब्लड बैंक भी हैं जहां पर आपसे वांछित यूनिट खून लेकर उतने ही यूनिट खून थोड़े से शुल्क के बाद दे दिया जाता है |
बन्धु ये कोई भ्रामक भावना है आपके मन में | स्तनधारी प्राणियों में एक अंग होता है प्लीहा या स्प्लाइन | मानव की प्लीहा में १-२ लीटर रक्त हमेशा सुरक्षित रहता है | जैसे ही शरीर से एक बूँद रक्त भी बाहर जाता है यह प्लीह तुरंत ही सिकुड़ कर उतना रक्त शरीर में प्रवाहित कर देती है और प्लीहा में हुई इस रक्त की कमी को मेरु रज्जा २४ घंटो में पूरा कर देती है | तो रक्त दान के बाद कमजोरी, चक्कर या कुछ और मानसिक भ्रम से हो सकता है शारीरिक कारण से तो कदापि नहीं |
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बहुत ही उपयोगी जानकारी दी आपने मित्र. आपका बहुत बहुत धन्यवाद.