Re: From Internet
1- इंटरनेट ब्राउजर बुद्धिमानी से सिलेक्ट करें
यदि आप इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। 8 अप्रैल के बाद से इंटरनेट एक्सप्लोरर में कंपनी की तरफ से कोई भी सिक्योरिटी अपडेट नहीं आएंगे। इस वजह से इंटरनेट एक्सप्लोरर पर काम करना आपके लिए मुसीबत हो जाएगा। वहीं अगर मोजिला फायरफॉक्स की बात करें तो वह भी सिक्योर नहीं रह जाएगा।
वहीं दूसरी ओर, आप गूगल क्रोम का इस्तेमाल करके कम से कम अप्रैल 2015 तक सिक्योर रह सकते हैं, क्योंकि अभी गूगल क्रोम विंडोज एक्सपी को सपोर्ट करेगा, इसलिए आप 8 अप्रैल के बाद सिर्फ गूगल क्रोम का इस्तेमाल करें और सुरक्षित तरीके से इंटरनेट चलाएं।
2- एंटीवायरस का सिलेक्शन
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विंडोज एक्सपी के लिए सपोर्ट बंद कर देने के बाद भी अधिकतर एंटीवायरस सॉल्यूशन विंडोज एक्सपी को सपोर्ट करते रहेंगे। माइक्रोसॉफ्ट का खुद का माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी इसेंशियल भी विंडोज एक्सपी को 14 जुलाई 2015 तक सपोर्ट करेगा।
एंटीवायरस टेस्टिंग कंपनी av-test ने 30 अलग-अलग एंटीवायरस कंपनियों से उनके फ्यूचर प्लान के बारे में पूछा तो उन्होंने कम से कम 8 अप्रैल 2015 तक विंडोज एक्सपी को सपोर्ट करने की बात कही है। इनमें से कुछ ने विंडोज एक्सपी को 2016 तक सपोर्ट करने की बात कही है।
3- असुरक्षित सॉफ्टवेयर्स को रिमूव कर दें
जावा ब्राउजर प्लग-इन हैकरों का सीधा टारगेट होगा। ऐसे में यदि आपको जावा की बहुत अधिक जरूरत ना हो, तो उसे रिमूव कर दें। अगर आपको इसकी बहुत जरूरत है तो भी ध्यान रखें कि ब्राउजर प्लग-इन पूरी तरह से डिसेबल हैं और अप-टू-डेट भी हैं।
एडोब प्लैश और एडोब रीडर भी हैकरों का टारगेट हो सकते हैं। ऐसे में अगर इनकी बहुत जरूरत ना हो तो डिलीट कर दें। इसके बाद भी आपको इन सॉफ्टवेयर की जरूरत है तो इन्हें अप-टू-डेट रखें। इनके नए वर्जन तो अपने आप अपडेट हो जाते हैं, लेकिन पुराने वर्जन तो अपडेट के लिए पूछते भी नहीं हैं।
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