Re: मुहावरों की कहानी
रूसी भाषा का एक मुहावरा:
मुहावरा: सेम प्यातनित्स ना निदेल्ये
अर्थ: एक हफ़्ते में सात शुक्रवार भावार्थ: बार-बार अपनी राय बदलना
यह मुहावरा कैसे शरू हुआ इस बारे में एक रोचक प्रसंग बताया जाता है. बहुत पहले की बात है. उन दिनों हर शुक्रवार अवकाश का दिन होता था. जितने भी कामगार होते थे वे शुक्रवार को ही अपनी सप्ताह भर की जरुरत का सामान खरीदने हाट में आया करते थे. कभी कभी उन्हें अपनी जरुरत का कोई सामान बाजार में नहीं मिल पाता था, इस पर वे दुकानदार से कहते कि वह अगले हफ्ते (शुक्रवार को) उनका यह सामान अवश्य लेता आये. दुकानदार भी उन्हें सामान लाने का आश्वासन देते लेकिन फिर भूल जाते. अगले शुक्रवार को ग्राहक अपने बताये हुए सामान की मांग करते तो दुकानदार उनसे माफ़ी मानते हुए कहता कि वह अगले हफ्ते जरुर ले आयेगा. लेकिन अगली बार भी सामान न लाता और कुछ न कुछ बहाना बना देता. इस प्रकार कई शुक्रवार निकल जाते पर ग्राहक को उसका फरमाइशी सामान न मिल पाता. तभी से यह मुहावरा बोलचाल की भाषा में चल निकला “सेम प्यातनित्स ना निदेल्ये” अर्थात् “एक हफ्ते में सात शुक्रवार”. इसका तात्त्पर्य यह है की आलसी व्यक्ति या काम न करने वाले व्यक्ति के लिए सप्ताह के सातों दिन यानी हर दिन अवकाश का दिन है. ऐसा व्यक्ति प्रतिदिन अपनी राय बदलता रहता है और काम न करने पर बहाने तलाशता है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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