Re: शताब्दी के महानायक अमिताभ बच्चन
प्र. आपने बताया कि आपको सलाह देने वाला कोई नहीं था. आपके पिता भी तो थे?
उ. बाबूजी चाहते थे कि मैं भी उनकी तरह एक अध्यापक बनूँ. लेकिन नहीं, मैं तो वैज्ञानिक बनना चाहता था. लेकिन मैं BSc परीक्षा में फिज़िक्स में पास न हो सका. छः महीने बाद मैंने वह पेपर दोबारा दिया तो मैं सैकेण्ड डिवीज़न में पास हो सका.
उस समय मैंने डीसीएम, मेटल बॉक्स और आईसीआई में नौकरी के लिये एप्लाई किया लेकिन कहीं काम न बना. मेरा बायो-डेटा भी अधिक प्रभावशाली नहीं था. इस प्रकार कोई बढ़िया नौकरी मेरे हाथ न लगी. उसके बाद जहां नौकरी मिली, वहीँ करनी पड़ी. कोलकाता में बर्ड एंड कं. के कोयला विभाग में दो साल काम किया. उसके बाद सामान की ढुलाई वाली कम्पनी ब्लेकर एण्ड कं. में चला गया. यह एक छोटा संस्थान था लेकिन वेतन डबल था. साथ में काले रंग की मोरिस माइनर कार भी मिल गयी जो बाद में स्टैण्डर्ड हेराल्ड में बदल दी गयी.
प्र. बर्ड एण्ड कं. में आपका वेतन क्या था? और रहन सहन कैसा था?
उ. टैक्स के बाद 480 रूपए मिलते थे जिसमे से 300 रूपए तो कमरे के किराये में ही चले जाते थे. हम आठ आदमी इकट्ठे रहते थे. उस कम्पनी में लंच फ्री दिया जाता था. इस प्रकार हमारा जीवन बहुत साधारण, ज़मीनी और सामान्य जन की तरह था.
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