Re: पारख साहब के दिलचस्प किस्से
चार वचन
एक नौजवान गलत रास्ते पर चल कर अपना जीवन नष्ट कर रहा था. वह बुरी संगत में फंस कर, जूए और तवायफों के चक्कर में पड़ गया था. उसके पिता को इसके बारे में मालूम था लेकिन वह इसका कोई इलाज नहीं कर सके. मृत्यु को निकट जान कर उन्होंने अपने पुत्र को बुलवाया और उससे चार वचन लिए. ये चारों वचन लेने से पहले पिता ने उसे यह कहा कि :--
1. तुम्हारा जितना मन करे उतनी पियो लेकिन हफ्ते में एक दिन शराब न पी कर सिर्फ यह देखो कि शराब पीने के बाद तुम्हारे मित्रों का क्या हाल होता है.
2. अगर जुआ खेलना है तो सिर्फ ऐसे खिलाड़ी से खेलो जो तुम से अधिक अनुभवी हो और अपने फन में माहिर हो.
3. मुझे पता है कि तुम तवायफों के यहाँ भी जाते हो. मैं चाहता हूँ कि तुम किसी दिन सुबह किसी तवायफ के यहाँ जाओ और उसके जीवन की हकीकत को नज़दीक से अपनी आँखों से देखो.
4. अंत में, मुझे वचन दो कि तुम अपने जीवन में बुजुर्गों पर भरोसा रखोगे. उनकी सलाह हमेशा व्यवहारिक होती है क्योंकि इसमें उनका तजुरबा घुला होता है.
मरणासन्न पिता की अंतिम इच्छा का पालन करते हुए पुत्र ने यह चारों वचन अपने पिता को दिये. पिता की मृत्यु के बाद उसने वो चारों वचन मन में धारण कर लिए. उसने अपने पिता के कहे अनुसार ही बर्ताव किया. समय व्यतीत होने के साथ ही उस नौजवान के जीवन में परिवर्तन आने लगा. उसने कुछ ही समय में जुआ खेलना, शराब पीना और तवायफ़ों के यहाँ जाना बंद कर दिया. पिता को दिए अंतिम वचन के अनुसार उसने बड़े बुजुर्गों के पास बैठना शुरू कर दिया जिससे वो लोग भी उससे स्नेह रखने लगे.
जिस राज्य में यह नौजवान रहता था वहां के राजा की एक बहुत सुन्दर कन्या थी. जब राजकुमारी विवाह योग्य हुयी तो राजा ने अपने प्रधानमंत्री से इस बारे में मंत्रणा की कि राजकुमारी के लिए सुयोग्य वर कैसे ढूँढा जाये. राजकुमारी यह बातचीत सुन रही थी. वह राजा के सामने आ कर बोली कि उसकी एक शर्त है. वह उसी से शादी करेगी जो उसकी शर्तों को पूरा करेगा.
“वह क्या है, बेटी?” राजा ने पूछा.
उसने कहा कि मैं विवाह के इच्छुक उम्मीदवार को मेरे द्वारा पूछे हुये प्रश्नों का उत्तर देना होगा. यदि उसने मेरे प्रश्नों का ठीक ठीक उत्तर दे दिया तो मैं उससे ख़ुशी ख़ुशी विवाह कर लूंगी. राजा से इसकी अनुमति मिलने के बाद प्रतियोगिता के दिन निश्चित कर दिये गये और राज्य भर में घोषणा कर दी गई.
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