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Old 28-03-2013, 03:55 PM   #19
rajnish manga
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Default Re: पारख साहब के दिलचस्प किस्से

वहां खड़े सभी दास दासियों को, जो यह बातचीत सुन रहे थे, यह बाते कुछ वाहियात, अश्लील व अभद्र लगीं. यह बात राजा के कानों में भी पड़ी. उसने आदेश दिया कि नौजवान को तुरन्त दरबार में प्रस्तुत किया जाए. जब नौजवान को राजा के दरबार में लाया जा रहा था तो उसे राजकुमारी के महल के बाहरी दालान से हो कर जाना था. राजकुमारी की वही दासी वहां खड़ी थी. उसने अपने हाथ में एक रूमाल ले रखा था. जब नौजवान वहां से गुज़रा तो उसने दासी की ओर देखा. दासी ने नौजवान को दिखा कर रूमाल में एक बड़ी गाँठ लगाई. नौजवान ने दासी को ऐसा करते देखा और इसका तात्पर्य समझते हुए आगे बढ़ गया. राजा ने जब उससे उसके और राजकुमारी के बीच हुए अभद्र वार्तालाप के विषय में पूछा तो उसने कोई उत्तर न दिया और मूक बना खड़ा रहा. खैर राजा ने उसे अगले दिन तक की मोहलत दी और कहा कि कल दरबार में उपस्थित हो कर उपरोक्त वार्तालाप के बारे में बयान दे जो बेहूदा, निरर्थक और घटिया प्रतीत हो रहा था.

अगले दिन उसे दरबार में फिर हाजिर किया गया. उसी रास्ते से उसे लेजाया गया जहाँ कल उसे राजकुमारी की दासी मिली थी. आज भी दासी वहां खड़ी थी. आज उसने अपने एक हाथ में संतरा पकड़ रखा था और दूसरे में हाथ में एक छुरी पकड़ी हुयी थी. जैसे ही नौजवान उसके सामने से गुज़रा उसने छुरी से संतरे को दो भागों में काट दिया. नौजवान ने दासी की आज की हरकत भी देख ली थी. आज फिर दरबार में राजा ने अपना सवाल दोहराया. नौजवान आज भी चुप रहा और कुछ न बोला. राजा ने उसे सजा का डर भी दिखाया तथा चेतावनी भी दी. उसकी चुप्पी देख कर राजा पहले तो बैचेन हुआ और बाद में क्रोध से लाल पीला होने लगा. खैर, राजा ने कहा कि उस युवक को कल फिर दरबार में प्रस्तुत किया जाए. यदि कल भी नौजवान कोई संतोषजनक उत्तर नहीं देता तो उसे प्रजा के सामने फांसी पर लटका दिया जाएगा.

Last edited by rajnish manga; 28-03-2013 at 03:58 PM.
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