चाणक्य नीति
दरिद नाशन दान, शील दुर्गतिहिं नाशियत।
बुद्धि नाश अज्ञान, भय नाशत है भावना।।
दान से दरिद्रता या गरीबी का नाश होता है। शील या व्यवहार दुखों को दूर करता है। बुद्धि अज्ञानता को नष्ट कर देती है। हमारे विचार सभी प्रकार के भय से मुक्ति दिलाते हैं।