जहां से चाहा वहां से खरीदा तेजाब, किसी ने न आईडी प्रूफ मांगा न कोई सवाल किया
हरियाणा. तेजाब की बिक्री पर कानूनी रोक लग चुकी है। कई बेटियां और महिलाएं तेजाब हमले का दंश झेल चुकी हैं, लेकिन हरियाणा में अब भी तेजाब उतनी ही आसानी से मिल जाता है, जितनी कोल्ड ड्रिंक।
अफसर कह रहे हैं, अभी नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। गाइड लाइन्स आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। दैनिक भास्कर के संवाददाताओं ने प्रदेश के 10 जिलों में जाने असली हालात-
तेजाब हमलों के प्रति सरकारें कितनी संवेदना विहीन हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण हम आपको आज के अंक में बता रहे हैं। भास्कर संवाददाताओं ने 10 जिलों के अलग-अलग शहरों की दुकानों से खुलेआम तेजाब खरीदा।
खास बात यह रही कि ज्यादातर संवाददातओं से न तो किसी ने कोई आईडी प्रूफ मांगा और न ही किसी ने सवाल किया कि आखिर तेजाब क्यों खरीद रहे हो। जाहिर है न तो प्रशासन इसकी बिक्री पर नजर रख रहा है और न ही दुकानदार अपनी जिम्मेदारी समझ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने तेजाब बिक्री के लिए पाइजेशन पजेशंस एंड सेल्स रूल्स 2013 तो पेश कर चुकी है। लेकिन अभी तक इसकी खुली बिक्री रोकने के लिए प्रशासन के पास कोई नोटिफिकेश नहीं भेजा है। नए रूल्स के तहत एसडीएम को हर 15 दिन बाद तेजाब विक्रेता का रिकॉर्ड चेक करना होगा।
जब अफसरों से इस बारे में पूछा तो सभी ने एक जैसा बहाना बनाया कि अभी कानून का नोटिफिकेशन नहीं हुआ है।
इधर, यमुनानगर में भी भास्कर संवाददाता ने पांच जगह से तेजाब खरीदा। दुकानदार न तो नाम पूछता है नहीं ही कारण। पैसे लेकर तेजाब की बोतल थमा दी। ड्रग्स इंस्पेक्टर परविंद्र मलिक का संपर्क करना चाहा, मगर बात नहीं हुई। बता दें कि २क्११ में यमुनानगर सलापुर निवासी छात्र यमुनानगर कालेज से घर लौट रहा था। गांव के निकट पुरानी रंजिश के चलते चार युवकों ने उसको रोक लिया।
मारपीट बाद में आरोपियों ने उससे ऊपर तेजाब डाल दिया। छात्र कई दिन तक अस्पताल में दाखिल रहा। बाद में साढौरा पुलिस ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया है। यह मामला कोर्ट में विचाराधनी चल रहा है। इसी तरह से 2004 में छप्पर थाना पुलिस ने विवाहिता पर तेजाब डालने का केस दर्ज किया था।
अम्बाला दो साल में दो बार लड़कियों पर तेजाब फेंकने का गवाह बना। दोनों मामले असफल प्रेम की खीज का नतीजा थे। एक मामले में तो युवती का चेहरा बदसूरत बना दिया गया। दूसरी की किस्मत अच्छी रही। एक मामले में कोर्ट ऐसा करने वाले को चार साल की सजा भी सुना चुकी है। दो जख्म झेल चुके शहर में अब भी तेजाब उतनी ही आसानी से मिल जाता है, जितनी कोल्ड ड्रिंक। वैसे भी साइंस सिटी में इलेक्ट्रोप्लेटिंग यूनिट्स काफी संख्या में हैं, जिनमें तेजाब सरीखे कई खतरनाक कैमिकल इस्तेमाल होते हैं। जाहिर है बिक्री भी ज्यादा जगह होती है। भास्कर टीम ने अम्बाला के बंधु नगर, पंजाबी बाग, लक्ष्मी पुरा में जाकर देखा। यहां करियाने की दुकानों पर ही 20 से 25 रुपए में तेजाब की बोतल मिल रही है। कोई आपका पहचान पत्र देखना तो दूर आपकी पहचान तक नहीं पूछता।
कैथल में भी यही हाल है। शहर में २४५ के करीब छोटे बड़े बैंटरी रिपेयर करने वाले हैं। २५ के करीब होलसेलर हैं जो बैंटरियों के लिए तेजाब बेचते हैं।
जींद जिले में हर दिन एक हजार लीटर से अधिक तेजाब की खपत होती है। पांच से सात मुख्य ट्रेडरों के अलावा कुछ छोटे रिटेलर इस कारोबार से जुड़े हैं। भास्कर टीम ने शनिवार को शहर में विभिन्न दुकानों पर तेजाब की डिमांड की तो यह आसानी से उपलब्ध हो रहा था। इनवर्टर बैटरी की दुकानों से बैटरी में डालने के नाम पर तेजाब खरीदा। दुकानदारों का कहना था कि तेजाब बिकता है इसलिए बेच रहे हैं। किसे क्या जरूरत है, वे नहीं पूछ रहे।
रिकार्ड रखने के कोई निर्देश उनके पास नहीं आए हैं। फतेहाबाद में दैनिक भास्कर टीम सबसे पहले पालिका बाजार स्थित एक मेडिकल स्टोर पर पहुंची, जहां तेजाब की बोतल मांगते ही दुकानदार ने झट से दुकान के बाहर डिब्बे में रखी बोतल उठा कर दे दी। संवाददाता 10 रुपये देकर बोतल लेकर चला आया। इसके बाद जवाहर चौक स्थित एक किरयाणा स्टोर पर भी यही स्थिति रही। इस तरह शहर के भट्टू रोड पर भी जनरल स्टोर के मालिक ने बिना कोई पूछताछ तेजाब थमा दिया।
सिरसा शहर में सिर्फ दो दुकानदारों के पास ही तेजाब बेचने का लाइसेंस है जबकि लगभग दो सौ दुकानों (जिनमें किरयाना और इनवर्टर बैट्री शॉप शामिल हैं) पर सरेआम तेजाब बेचा जा रहा है। झज्जर, रेवाड़ी और नारनौल में भी 10 रुपए में मिल आसानी से तेजाब खरीदा गया।
दुकानदार बोले-बिकता है, इसलिए बेच रहे हैं, हम नाम क्यों पूछें
तेजाब लेने वालों का रिकॉर्ड रखना बड़ा मुश्किल काम होगा। इसके लिए अलग से एक व्यक्ति रखना होगा। पुलिस या फिर प्रशासनिक अधिकारी की निगरानी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगी। सबसे मुश्किल तो यह है कि रिकार्ड लेकर जिसे तेजाब दें, क्या पता वह सही पर्पज बता रहा है या नहीं। कोई तेजाब ले जाता है और उसका गलत प्रयोग कोई और करता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी बनेगी। हर दिन प्लास्टिक कैन लीकेज या फिर अन्य कारणों से काफी तेजाब जमीन पर बह जाता है, उसका हिसाब कैसे रखेंगे।
श्याम सिंह, तेजाब कारोबारी
फिलहाल कोई निर्देश नहीं मिले हैं। जैसे सरकार के आदेश होंगे, उसकी पालना सुनिश्चित कराई जाएगी।
अशोक बांसल, एसडीएम, कुरुक्षेत्र।
तेजाब को बेचने वालों पर उनका विभाग कार्रवाई नहीं कर सकता है। हमारे विभाग की ओर से तेजाब के बिक्री लाइसेंस नहीं दिए जाते हैं।
डॉ. एमआर पासी, सीएमओ, यमुनानगर
हम तेजाब को लेकर चैकिंग करते हैं। लाइसेंस देने का काम डीसी कार्यालय व फायर सेफ्टी वालों का होता हैं।
एसके अरोड़ा, अधिकरी प्रदूषण नियंत्रण विभाग, करनाल
नमक का तेजाब है ज्यादा नुकसानदायक
शरीर पर डायरेक्ट अप्लाई करने पर डिटॉल भी हार्मफुल है। फिर मार्केट में मिलने वाला नमक का तेजाब तो उससे कहीं ज्यादा नुकसानदायक है। इससे स्किन जल सकती है।ञ्जञ्ज
डॉ. राघवेंद्र, स्किन स्पेशलिस्ट, पानीपत
जा सकती हैं आंखों की रोशनी
करियाना स्टोर्स पर मिलने वाला तेजाब भी आंखों के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे कॉर्निया परमानेंटली डैमेज हो सकता है और आंखों की रोशनी जा सकती है। कई केसेज में ऐसा हो चुका है।
डॉ. एसके गुप्ता्र, विशेषज्ञ नेत्र, पानीपत
नॉलेज : तीन तरह का होता है तेजाब
मुख्य तौर पर तेजाब तीन प्रकार का होता है। पहला-शोरे से बना हुआ, दूसरा-गंधक से बना हुआ और तीसरा-नमक से बना हुआ। नमक से बने तेजाब को आम घरेलू इस्तेमाल में टॉयलेट शीट या फर्श आदि साफ करने के प्रयोग में लाया जाता है। गंधक और शोरे का तेजाब ज्यादा प्रभाव वाला होता है।
खुली बिक्री : करियाणा की दुकान, इन्वर्टर बैटरी वालों से, दुग्ध की डेयरियों पर अभी खुले में मिल रहा है।