Re: कहानी : निशिगंधा - अनिल कान्त
-"अच्छा, हाँ, मैं तो बताना ही भूल गयी । मैं कल ही आपको यह चैक भेजने वाली थी ।" अपने पर्स की तलाशी लेते हुए निशा ने कहा ।
-किस बात का चैक ?
-"आपकी कविता को मैंने अपने बैंक में होने वाली वार्षिक प्रतियोगिता में दिया था । और आपकी कविता को प्रथम पुरस्कार मिला है । ये रहा आपका पाँच हज़ार का चैक ।" आदित्य को पकड़ाते हुए निशा ने कहा ।
-ये मेरे नाम से कैसे ?
-अरे ये मेरी चैक बुक से कटा हुआ है । बैंक की ओर से मिला चैक मेरे नाम का था ।
-"अब ये मैं नहीं रख सकता । जीती आप हैं । आप ही जानें ।" आदित्य ने चैक वापस करते हुए कहा ।
-कविता तो आपकी ही थी । तो यह आपका ही हुआ न ।
-अच्छा ठीक है । न मेरा और न आपका । इसकी रकम को किसी अनाथालय में जमा करा देते हैं ।
-हाँ ये बेहतर है । और मेरी ट्रीट ?
-"वो तो आपको वैसे भी मिल जायेगी ।" आदित्य ने मुस्कुराते हुए कहा ।
अगले रोज़ आदित्य, निशा को साथ ले अनाथालय गया । कुछ घंटे वहाँ बिताने के बाद और दान की रस्म अदायगी करते हुए, वे लौट पड़े । वापसी में दिल में सुकून की हलचल हो रही थी । मालूम होता था कि एक सुखद एहसास उनके साथ चला आया है ।
लम्बी चुप्पी को तोड़ते हुए, आदित्य ने निशा से पूँछा "किस रेस्टोरेंट में चलना है ।"
- "रेस्टोरेंट कोई भी हो, बस खाना लज़ीज होना चाहिए ।" निशा मुस्कुराते हुए बोली ।
-जी, हुज़ूर ।
अगले ही क्षणों में, वे एक रेस्टोरेंट में थे । आदित्य जाते ही कुर्सी पर बैठ गया । निशा खड़े हुए मुस्कुराने लगी । "ओह, माफ़ करना" कहता हुआ आदित्य उठा और निशा के लिए हौले से कुर्सी को पीछे धकेल कर, बैठने के लिए आमंत्रित किया । निशा मुस्कुराते हुए बैठ गयी ।
कितनी तो अनगिनत बातें थीं । जो दोनों ने अपने पास जमा कर रखी थी । बातों के मध्य नए-नए विषय जन्म ले लेते थे । और इनके मध्य में किसी बात पर निशा का मासूमियत से हँस देना । अपने बालों को रह-रह कर कानों के पीछे धकेलते रहना । खाने के मध्य में चोरी से आदित्य को देखना । और कहना कि चुप क्यों हो । उस रोज़ तो बहुत बोल रहे थे । प्रत्युतर में आदित्य का मुस्कुरा जाना शामिल था ।
बुआ के घर जाने से पहले, निशा ने आदित्य को बताया कि वह कल भोपाल चली जायेगी । आज ही उसकी छुट्टियां ख़त्म हो रही हैं और कल के बाद से उसे ऑफिस जाना है । निशा विदा लेते हुए, आदित्य से उसका मोबाइल नंबर ले जाना नहीं भूली । जो उनकी दोस्ती के दिनों के लिए आवश्यक हो गया था ।
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