Re: साहित्यकारों के विनोद प्रसंग
मशहूर उर्दू शायर जनाब असरारुल हक़ "मजाज" लखनवी के जीवन से जुड़े कुछ विनोद प्रसंग
एक मशहूर शायर ने (असरारुल हक़) मजाज से पूछा, “मेरी समझ में नहीं आता कि तुमने शे’र कहना क्यों छोड़ दिया?”
मजाज ने परेशान सा हो के जवाब दिया, “और मेरी समझ में नहीं आता कि आप बराबर शे’र क्यों कहे जा रहे हैं?”
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मजाज और फ़िराक के बीच गंभीर बातचीत हो रही थी. इस बीच फ़िराक का लहज़ा बदला और उन्होंने मजाज से हंसते हुए पूछा, ”मजाज, तुमने कबाब बेचने बंद क्यों कर दिए?”
“आपके यहाँ से गोश्त जो आना बंद हो गया था,” मजाज ने संजीदा रहते हुए ही जवाब दिया.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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