08-11-2014, 12:09 PM
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#1019
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
Originally Posted by bindujain
रात भर जागते रहने का सिला है शायद
तेरी तस्वीर सी महताब में आ जाती है
मुनव्वर राना
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है जमाने की बुराई हममे,
हम जमाने को बुरा कहते हैं.
जो समझ में ना किसी के आये,
हम उसी को खुदा कहते हैं......
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