Quote:
Originally Posted by draculla
- जैसे कभी कभी ऐसा लगता है की कोई बगल से गुजर गया है/तो मैं शांत मन से अगल बगल की परिस्थिति को देखता हूँ/
- जब अँधेरी रात में कोई आवाज होती है तो मैंने यह देखने की कोशिश करता हूँ की वह आवाज क्यूँ आ रही है/
सिम्पल सी बात है की जब भी डर महसूस होता है तो मैं उस डर के जड़ तक पहुँचने की कोशिश करता हूँ/
जिससे मेरा डर भाग जाता है/
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जायदातर तो आवाज से या परछाई देखते ही भाग जाते हे जानने की कोसिस ही नही करते वहा पर हे क्या चीज !और उनका डर यकीन में बदल जाता हे की भुत होते हे !