उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी अंजू बॉबी जॉर्ज
इससे पहले 2003 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय महिला लांग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज अपनी सफलता को कभी ओलिंपिक में नहीं दोहरा सकीं। उन्होंने एथेंस (2004) और बीजिंग (2008) ओलिंपिक में हिस्सा लिया, लेकिन पदक से काफी दूर रह गईं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अंजू में ओलिंपिक मेडल जीतने की काबिलियत थी, लेकिन इतने बड़े खेल आयोजन के दबाव को वे झेल नहीं सकीं। इस तरह पीटी ऊषा के बाद भारत की सबसे बड़ी ओलिंपिक मेडल की उम्मीद मानी जा रही अंजू से देशवासियों को निराशा ही हाथ लगी। इस बार महिलाओं की 4 गुणा 400 मीटर रिले टीम से काफी उम्मीद थी, लेकिन इसमें शामिल खिलाड़ी डोपिंग के जाल में उलझ गईं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे लंदन ओलिंपिक में हिस्सा ले पाएंगी या नहीं।