Happy New Year!
हेलो दोस्तो! यह कैसा विचित्र सा समय है। वर्ष के बीत जाने का दुख और नए वर्ष के आने की खुशी, दोनों ही अहसास इस कदर घुलमिल गए हैं कि उनमें भेद कर पाना कठिन हो रहा है। ऐसा लगता है मानो हम बीते वर्ष के साथ अभी पूरी तरह जी भी नहीं कह पाए थे कि वह हाथ से निकल गया। कितना कीमती था वह हर पल, हर लम्हा, हर दिन, हर सप्ताह और हर महीना! आज उसकी अहमियत समझ में आ रही है। मन में यही कसक उठती है कि काश एक बार फिर से यही वर्ष जीने को मिल जाए तो वे सारे पल जिसकी हम कद्र नहीं कर पाए, उसे आदरपूर्वक गले लगा लेते। वर्ष के हर क्षण का सदुपयोग कर पाते। पर गया वक्त कभी हाथ आया है क्या? इस वास्तविकता को स्वीकार करते हुए नए वर्ष का पूरे सम्मान के साथ स्वागत करना चाहिए।
|