भारतीय संसद भवन पर आतंकवादी हमले की वर्षगाँठ
(13 दिसंबर 2001)
13 दिसंबर 2001 की तारीख भारत के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज है। आज से ठीक 16 वर्ष पहले यानी 13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था। उस दिन एक सफेद एंबेसडर कार, जिस पर गृह मंत्रालय का पास लगा था, में आए इन आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था. यह पाकिस्तान की भारत के लोकतंत्र के मंदिर को नेस्तनाबूद करने की साजिश थी, गोलियों की आवाज, हाथों में एके-47 लेकर संसद परिसर में दौड़ते आतंकी, बदहवास सुरक्षाकर्मी, इधर से उधर भागते लोग, कुछ ऐसा ही नजारा था संसद भवन का। लेकिन अन्ततः हमारे सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए इन आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी ही वीरता से सभी आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस के छः जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हुए। 16 जवान इस दौरान मुठभेड़ में घायल हुए।