Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar
मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर
बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने सत्यजीत राय की फ़िल्म 'जलसागर' में शास्त्रीय गायिका की भूमिका भी निभाई है. उर्दू के नामी शायर जिगर मुरादाबादी से बेगम अख़्तर की गहरी दोस्ती थी. वो और उनकी पत्नी अक्सर बेगम के लखनऊ में हैवलौक रोड स्थित मकान में ठहरा करते थे.
शांति हीरानंद बताती हैं कि किस तरह बेगम अख़्तर जिगर से खुलेआम फ़्लर्ट किया करती थीं. एक बार मज़ाक में उन्होंने जिगर से कहा, ''क्या ही अच्छा हो कि हमारी आप से शादी हो जाए. कल्पना करिए कि हमारे बच्चे कैसे होंगे. मेरी आवाज़ और आपकी शायरी का ज़बरदस्त सम्मिश्रण!"
इस पर जिगर ने ज़ोर का ठहाका लगाया और जवाब दिया, "लेकिन अगर उनकी शक्ल मेरी तरह निकली तो क्या होगा."(जिगर मुरादाबादी की सूरत बहुत अच्छी नहीं थी.)
बेगम के दोस्तों में जाने माने शास्त्रीय गायक कुमार गंधर्व भी थे. जब भी वो लखनऊ में होते थे वो अक्सर अपना झोला कंधे पर डाले उनसे मिलने आया करते थे. वो शाकाहारी थे.
बेगम अख़्तर नहा कर अपने हाथों से उनके लिए खाना बनाया करती थीं. एक बार वो उनसे मिलने उनके शहर देवास भी गई थीं. तब कुमार ने उनके लिए खाना बनाया था और दोनों ने मिल कर गाया भी था.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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