Re: यमपुरी समाचार ( हास्य व्यँग्य)
भैंसा बोला-" तुम लोग महाराज-महाराज कहके यमराज को कितना बेवकूफ़ बना रहे हो मैं सब जान गया हुँ मुझे इसी बात का यहाँ भंडाफ़ोड़ करना है। कल ही मुझे भुलाउ ने बताया कि एक इंटरनेट नाम की एक चीज आई है कम्प्युटर में।अगर तुम्हे किसी का भंडाफ़ोड़ करना है तो आना, मैं उसमें तुम्हारा ब्लाग बना दुंगा फ़िर तुम अपनी बात वहां लिखकर छाप देना। सारी दुनिया जान जाएगी और पोल भी खुल जाएगी, मै इसी लिए यहाँ पर आया हुँ।
"हम लोग क्या बेवकूफ़ बना रहे हैं रे? मेहतरु बोला। " चुप बे! (भैंसा को गुस्सा आ गया) मेरा दिमाग खराब होगा तो अभी सींग मार कर सुधार दुंगा साले तेरे को। बहुत हलकान कर दिया है तुने मुझे। साले! मेरा खल्ली-चुनी, बिनौला को चोरी करके ले जाता है और अपनी भैंस को खिला देता है। मेरे लिए जो हरी घास आती है उसे अपने घर ले जाता है, पता नही क्या अपनी बीबी को खिलाता है या भैंसी को और मेरे को पुछ रहा है कि क्या बेवकूफ़ बनाता हुँ। मेरा नहाने का साबुन, सर्फ़ , पीने का दारु सब चोरी करके अपने घर ले जाता है, मेरी परेशानी की पराकाष्ठा कल हो गयी,साले! कल रात को मेरा पड़वा भुखा रह गया। उसके खाने के लिए कुछ भी नही था। मेरी आत्मा ही तड़फ़ उठी, ऐसा क्या काम करना जिससे मेरा बच्चा ही भुखा रह जाए। सारी दुनिया बच्चों का पालन पोषण करने के लिए ही काम करती है। यमराज मेरा जो खाना खर्चा देते हैं उस पैसे से तुम दोनो मौज उड़ा रहे हो और मूछ में ताव देते घुम रहे हो और उधर पांच मन की सवारी का बोझा ढोते-ढोते मेरी हालत खराब हो गयी है। ये यमराज महाराज को भैंसे की सवारी का क्या शौक चढा है, राजा है तो घोड़े-वोड़े पर चढना चाहिए।
Last edited by agyani; 09-02-2013 at 11:58 PM.
|