Re: यमपुरी समाचार ( हास्य व्यँग्य)
तो सुनो! भैंसासुर बोला- पहली शर्त मेरे कोठा में दो-दो घंटे मे गोबर कचरा साफ़ होना चाहिए, दुसरी बात, कुलर और पंखे का इँतजाम होना चाहिए। तीसरी बात- इंटरनेट कम्प्युटर की व्यवस्था होनी चाहिए, टीवी डिस्क का कनेक्शन होना चाहिए, राखी का स्वयंवर देखने के लिए..... वो मुझे बहुत भाती है। रोज हरी हरी घास और खल्ली-चुनी की व्यवस्था दिन में दो बार होनी चाहिए, नहाने के लिए फ़व्वारा और बाथटब की व्यवस्था होनी चाहिए, लगाने के लिए फ़ेयर एन्ड लवली और बिल क्रीम होना चाहिए और मेहतरु मुझे दिन में दो बार डेटाल साबुन से नहलाएगा, मेरे पड़वा के लिए मेहतरु के भैंस के दुध का इंतजाम होना चाहिए, बोलो मंजुर है?
चित्रगुप्त और मेहतरु ने पैर पकड़ कर भैंसा से कहा- हमें मजुंर है भैसासुर महाराज, आप क्रोध त्यागकर हमारे साथ चलें, यमराज जी आपकी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं, नाराज हो रहें हैं। "यमराज नाराज होगें तुम्हारे उपर, मुझे उससे क्या लेना देना, और मेरे को कहीं क्रोध से कुछ कहे तो तुम्हारा सब भेद यमराज के सामने ही खोल दुंगा" - भैसा ने कहा। चित्रगुप्त ने कहा-"आप चलो भैंसासुर जी, वहां की बात मैं संभाल लुंगा, आपको कोई कुछ नही कहेगा, पुरी मेरी जिम्मेदारी हैं"। "चलो फ़िर चलता हुँ लेकिन जान लेना कि मैं भी छापना जान गया हुँ"-ऐसा कहकर भैंसासुर यममहल की ओर चल पड़े।
(समाप्त)
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