स्टेटस सिंबल...(^_^)
युवाओं के हाथों में सुबह से शाम तक मोबाइल ही नजर आता है। हर वक्त घर हो या बाहर, पैदल चल रहे हों या फिर बाइक पर मोबाइल पर बातें खत्म ही नहीं होतीं। आज मोबाइल युवाओं के लिए स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है, तो दूसरी ओर स्टेटस सिंबल। ज्यादातर स्टूडेंट्स के हाथों में नए से नया हैंडसेट देखने को मिल सकता है।
वे इस बात से अनजान हैं कि अधिक समय तक मोबाइल के उपयोग से शरीर पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मोबाइल शरीर के विभिन्न अंगों पर घातक प्रभाव पहुँचा रहे हैं।
युवा मोबाइल की हर दूसरे दिन रिंग टोन बदल देते है। रिंग टोन की मस्त धुन सुनते युवा जाने-अनजाने में अपने दिल को कमजोर बना रहे हैं। जिस प्रकार ईसीजी के दौरान इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक सिग्नल कुछ समय के लिए आपके हृदय की गति को नियंत्रित करता है, उसी तरह मोबाइल के रेडिएशन का असर भी आपकी धमनियों पर पड़ता है।
हार्ट-स्पेशलिस्टों का मानना हैं कि ऐसे युवा जो मोबाइल अपनी शर्ट की जेब में रखते हैं, उनमें इसका खतरा और अधिक बढ़ जाता है। हृदय की सबसे छोटी वाली आर्टरी इसके प्रभाव में जल्दी आती है और व्यक्ति की अचानक मौत हो सकती है।
Last edited by YUVRAJ; 22-12-2010 at 10:28 AM.
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