Re: सौरभ-भक्ति-मंजरी
सबसे पहले आराध्य प्रभु श्री राम जी की वन्दना-
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तुरीण शर सुशोभित धनुधारक
अधम शठ विश्रवा सूत संघारक
तुलसीकृत चरितमानस नायक
सर्वक्लेषहर्ता अमित सुखदायक
कौसल्या अरु दशरथ के नन्दन
संत, देव जिनका करते वन्दन
जनक-सूता-कन्त जगत विधाता
भरत, शत्रुघन, लक्ष्मण के भ्राता
हे सकल जगत के पालनहारी
शिव के भक्त विष्णु के अवतारी
पवनपुत्र हनु, विभीषण के प्यारे
शबरी गौतम तीया को तारे
काला जल ज्यों कालिन्दी तरणी
मनमोहक छवि, तुम श्यामल वर्णी
अवध नरेश अतुलित बल के धाम
नर में उत्तम मर्यादा श्रीराम
करबद्ध शीशनत और निष्काम
सुरेश 'सौरभ' का तुम्हें प्रणाम!
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सुरेश कुमार 'सौरभ'
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Last edited by Suresh Kumar 'Saurabh'; 29-04-2012 at 07:23 PM.
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