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Originally Posted by mravay
मैंने भी १०० बार क्या एक बार भी रक्तदान नहीं किया है , मैं एक सवाल पूछना चाहता हू की हमारे दुवारा किया गया रक्तदान तो फ्री होता फ्री में दान करते है , लेकिन मेरा प्रश्न ये है की यही खून दूसरे जिन्हें खून की जरुरत है क्या उन्हें ये खून फ्री में मिलता है या उसका दाम चुकाना पड़ता है !
अगर फ्री में मिलता है तो मैं जबतक जिन्दा रहूँगा खून दान करते रहूँगा ! मगर इस खून को किसी जरुरत मंद को बेचा जाता हो तो मैं १ बार भी खून दान नहीं करूँगा !
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सांवरे बलम आपके रक्त दान देने के बाद उसे टेस्ट किया जाता है फिर ग्रुपिंग की जाती है, उसे जमने से बचाने के लिए कुछ सीरम मिलाये जाते हैं फिर उसे सुरक्षित वातानुकूलित स्थान पर रखा जाता है और इस सरे कार्यक्रम में खर्चा होता है तो इसको तो कहीं ना कहीं से निकलना होगा ना ??? तो लेने वाले से मूल्य लेना ही होता है | मेरी जानकारी में कुछ ऐसे ब्लड बैंक भी हैं जहां पर आपसे वांछित यूनिट खून लेकर उतने ही यूनिट खून थोड़े से शुल्क के बाद दे दिया जाता है |
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Originally Posted by draculla
मैंने भी एक बार रक्तदान किया है.जब मैं कॉलेज में फर्स्ट इयर फर्स्ट सेमेस्टर का स्टूडेंट था.कॉलेज में रक्त दान का शिविर लगा था.क्या बताऊँ दो दिन तक चक्कर आये थे और अफ़सोस की बात ये है की रक्तदान करने पर जो प्रमाण पत्र मिलाता है वो नहीं मिला.फिर उसके बाद कभी मैंने रक्तदान नहीं किया.लेकिन इस बार फिर से मैं रक्तदान करने का निश्चय किया है और किसी अच्छी संस्था को ही मैं रक्त दूँगा.
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बन्धु ये कोई भ्रामक भावना है आपके मन में | स्तनधारी प्राणियों में एक अंग होता है प्लीहा या स्प्लाइन | मानव की प्लीहा में १-२ लीटर रक्त हमेशा सुरक्षित रहता है | जैसे ही शरीर से एक बूँद रक्त भी बाहर जाता है यह प्लीह तुरंत ही सिकुड़ कर उतना रक्त शरीर में प्रवाहित कर देती है और प्लीहा में हुई इस रक्त की कमी को मेरु रज्जा २४ घंटो में पूरा कर देती है | तो रक्त दान के बाद कमजोरी, चक्कर या कुछ और मानसिक भ्रम से हो सकता है शारीरिक कारण से तो कदापि नहीं |