कलेजे में ठण्डक
'कलेजे में ठण्डक' तभी पहुँचती है जब 'कलेजे में आग़' लगी होती है।
'कलेजे में ठण्डक' और 'कलेजे में आग़' दोनों ही हिन्दी के प्रसिद्ध मुहावरे हैं।
'कलेजे में आग़' लगने का अर्थ होता है- किसी बात पर ईर्ष्या की आग़ में जलना।
'कलेजे में ठण्डक' पहुँचने का अर्थ होता है- संतुष्ट होना। अर्थात् जिस कारण से कलेजे में आग़ लगी थी उसका विनाश हो चुका है अथवा अपने पास जो कमी थी, वही कमी दूसरों में भी आ चुकी है।
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