Re: कलेजे में ठण्डक
आपकी पड़ोसन दीपावली को एक महँगी साड़ी लेकर आई। साड़ी देखकर आपके कलेजे में आग़ लग गई, क्योंकि आपके पास वह साड़ी नहीं है।
अब आपके कलेजे में ठण्डक पहुँचने के दो रास्ते हैं। पहला रास्ता है- बाज़ार जाकर वही महँगी साड़ी खुद खरीद लेना। साड़ी खरीदते ही आपके कलेजे में ठण्डक पहुँच जाएगी। यदि किसी कारणवश बहुत महँगी होने के कारण आप वही साड़ी नहीं खरीद पाए तो आपके कलेजे में लगी आग़ सुलगती ही रहेगी।
अब कलेजे में ठण्डक पहुँचने के दूसरे रास्ते पर प्रकाश डालते हैं। दीपावली की रात्रि आपको पता चलता है कि अनार फटने से पड़ोसन की साड़ी जलकर बर्बाद हो गई। समाचार सुनते ही आपके कलेजे में ठण्डक पहुँच जाएगी, क्योंकि जिस कारण से आपके कलेजे में आग़ लगी थी उसका विनाश हो चुका है अर्थात् आपके पास साड़ी जो कमी थी, वही कमी पड़ोसन में भी आ चुकी है। (क्रमशः)
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