Re: साहित्यकारों के विनोद प्रसंग
चौक यूनिवर्सिटी के वी.सी. पं. नागर
यहां पं. राम विलास शर्मा का एक संस्मरण दिया जा रहा है –
मैंने नागर जी से कहा, “अब तुम पी.एच.डी. कर डालो”
नागर जी बोले, “पहले इंटर करना पड़ेगा, फिर बी.ए, फिर एम.ए, बड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. अब पी.एच.डी, वी.एच.डी. का मोह नहीं है. पहले था. तुमने पंडित की उपाधि दे दी वह बहुत है.
फिर कुछ रुक कर बोले, “चौक हमारी यूनिवर्सिटी, हम उसके वाईस चांसलर हैं.”
(डॉ. राम विलास शर्मा की पुस्तक ‘पंचरत्न’ से)
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