ट्र्युमैन केपोटे की अजीब लेखन शैली
माना जाता है कि केपोटे पीठ के बल लेट कर लिखते थे, अपने एक हाथ में शैरी (एक प्रकार की शराब) और दूसरे हाथ में पेंसिल ले कर. ‘पेरिस रिव्यू’ को 1957 में दिये गये एक इंटरव्यू में केपोटे ने बताया, “मैं पूरी तरह से एक क्षैतिज लेखक हूँ. तब तक मेरा दिमाग काम नहीं करता जब तक कि मैं लेट न जाऊं – चाहे बिस्तर पर चाहे सोफे पर- सिगरेट व कॉफ़ी समेत. लगातार सिगरेट के कश लगाना और कॉफ़ी पीना मुझे अच्छा लगता है. जब शाम ढलने लगती है तो कॉफ़ी की जगह मिंट चाय आ जाती है. फिर शैरी और अंत में मार्टिनी. न .. न मैं टाइपराईटर का इस्तेमाल नहीं करता. पहले भी नहीं करता था. मैं अपना पहला लेखन हाथ में पकड़ी पेंसिल से करता हूँ. उसके बाद मैं पूरा का पूरा आलेख दोबारा हाथ से तैयार करता हूँ."