Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
(१)
गणगोरया रे मेले पली आया रिज्यो जी.
गणगोरया रे मेले पली आया रिज्यो जी.
ढोला था बिन रंग रंगीलो फागण बित्यो जावे छे.
ढोला था बिन रंग रंगीलो फागण बित्यो जावे छे.
थारी नाज़ुक धण महलां बैठी आंसू छलकावे छे.
थारी नाज़ुक धण महलां बैठी आंसू छलकावे छे.
रोटी खाता हो तो पाणी अठे आय पीज्यो जी.
गणगोरया रे मेले पली आया रिज्यो जी.
म्हारी द्योरानी जेठाणी दोनू घूमर घाले छे.
म्हारी द्योरानी जेठाणी दोनू घूमर घाले छे.
म्हारा देवरिया जेठूता मिलकर रंग उछालें छे.
म्हारा देवरिया जेठूता मिलकर रंग उछालें छे.
छोटी नणदूली ने आय कर समझाय दीज्यो जी.
गणगोरया रे मेले पली आया रिज्यो जी.
धरती रंग रंगीली होकर मन ही मन मुस्कावे छे ......
(क्षमा करें डायरी में इससे आगे गीत अधूरा ही छोड़ दिया गया है)
|