उत्तर प्रदेश
सबसे पहले मैं अपने प्रदेश उत्तर प्रदेश की बातें करना चाहूंगा. सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता वाले इस प्रदेश में हालांकि आम तौर से गरीबी पायी जाती है पर उद्यमियों के प्रदेश में उद्योग और व्यापार भी खूब फल फूल रहा है. पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण आगरा, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, सारनाथ, झाँसी जैसे शहर इसी प्रदेश में आते हैं. इसी प्रदेश के एक जिले हाथरस से मेरा सम्बन्ध है. यहाँ पर कवियों और कलाकारों की एक लम्बी परंपरा रही है. नौटंकी जैसी विधा के जनक नथाराम गौड़, कवि निर्भय हाथरसी, काका हाथरसी और अशोक चक्रधर की जन्मभूमि या कर्मभूमि रहे हाथरस में दंगल, अखाड़ों और बगीचियों की एक बहुत ही पुराणी और सम्रद्ध परंपरा रही है. यहाँ पर बलदेव छट के ऊपर लगने वाले देव छट मेले में कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कवि सम्मलेन और ब्रिज भाषा कवि सम्मलेन और नौटंकियों का आयोजन होता है. यहाँ पर मुख्य रूप से हींग, दाल और सूती कपडे से बनी दरियां इत्यादि का उद्योग फल फूल रहा है. पिछले करीब १५ सालों से बने बनाये वस्त्रों के निर्माण का एक मुख्य स्थल बन चूका हाथरस अपने चुने हुए प्रतिनिधियों की उदासीनता का शिकार रहा है.
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