29-09-2014, 08:28 PM
|
#88
|
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
|
Re: मुहावरों की कहानी
“घर का भेदी” विभीषण > सज्जन या दुर्जन ??
'घर का भेदी लंका ढाए' मुहावरा बोलचाल में बहुत प्रयोग में लाया जाता है। और, हमारी भाषा में 'घर का भेदी' पद किसी व्यक्ति के नाम के आगे सम्मानजनक विशेषण के रूप में प्रयोग में नहीं लाया जाता है।
अब यह एक विरोधाभास है कि इसी घर के भेदी की सहायता से भगवान राम ने बुराईयों के प्रतीक रावण पर विजय पाई थी। यदि लंका में घर के भेदी विभीषण ने पहले हनुमान से संबंध न बनाए होते और बाद में श्रीराम की शरण में जाकर रावण के अमरत्व के रहस्य को न बतलाया होता तो रावण की मृत्यु ही नहीं होती, न रावण के चंगुल से सीता की मुक्ति होती और न लंका से रावण राज्य का अंत होता।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|
|
|