ज़ोरॉस्ट्रा या ज़रथुस्त्र
ज़न्दअवेस्ता के रचयिता व पारसी धर्म के प्रवर्तक
एक बार पर्शिया का राजा विशतस्या, जब युद्ध जीतकर लौट रहा था, तो वह जरथुस्त्र के निवास के निकट जा पहुंचा। उसने इस रहस्यदर्शी संत के दर्शन करने की सोची। राजा ने जरथुस्त्र के पास जाकर कहा, ‘’मैं आपके पास इसलिए अया हूं कि शायद आप मुझे सृष्टि और प्रकृति के नियम के विषय में कुछ समझा सकें। मैं यहां पर अधिक समय तो नहीं रूक सकता हूं, क्योंकि मैं युद्ध स्थल से लौट रहा हूं। और मुझे जल्दी ही अपने राज्य में वापस पहुंचना है, क्योंकि राज्य के महत्वपूर्ण मसले महल में मेरी प्रतीक्षा कर रहे है।