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Old 19-12-2010, 07:22 PM   #12
teji
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Default Re: शतरंज के खिलाड़ी by प्रेमचंद

मीर साहब - अंगरेजी फौज आ रही है खुदा खैर करे!
मिर्जा - आने दीजिए, किश्त बचाइए। लो यह किश्त!
मीर - तोरखाना भी है। कोई पाँच हजार आदमी होगे, कैसे जवान है। लाल बंदरो से मुँह है। सूरत देखकर खौफ मालूम होता है।
मिर्जा - जनाब, हीले न कीजिए। ये चकमें किसी और को दीजिएगा - यह किश्त!
मीर - आप भी अजीब आदमी है। यहाँ तो शहर पर आफत आयी हुई है, और आपको किश्त की सूझी है। कुछ खबर है कि शहर घिर गया तो घर कैसे चलेंगे?
मिर्जा - जब घर चलने का वक्त आयेगा तो देखी जाएगी - यह किश्त, बस अब की शह में मात है।
फौज निकल गयी। दस बजे का समय था। फिर बाजी बिछ गयी। मिर्जा बोले - आज खाने की कैसी ठहरेगा?
मीर - अजी, आज तो रोजा है। क्या आपको भूख ज्यादा मालूम होती है?
मिर्जा - जी नही। शहर में जाने क्या हो रहा है?
मीर - शहर में कुछ न हो रहा होगा। लोग खाना खा-खाकर आराम से सो रहे होगे। हुजूर नवाब साहब भी ऐशगाह में होगे ।
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