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Old 09-02-2011, 07:12 AM   #1014
Kumar Anil
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Default Re: साक्षात्कार

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Originally Posted by bond007 View Post
अनिल जी! मैं आपकी बात का विरोध नहीं कर रहा हूं| चूंकि आपका साक्षात्कार है तो हमारा फ़र्ज़ बनता है कि आपके जवाबों का पूर्ण स्पष्टीकरण प्राप्त करें|

मैं भी अपराधियों को हमारे नेताओं के रूप में कबूल नहीं करता|

लेकिन आपके उत्तर के जवाब में मेरा प्रश्न यह है कि क्या अपराधियों को सुधारना या उन्हें सुधरने का एक मौका देना गलत बात है (जहां तक देशद्रोह का सवाल न हो)?
बॉन्ड साहब ! अपराधियोँ का सुधार कतई ग़लत बात नहीँ । लेकिन उनकी सुधार प्रक्रिया अथवा क्षमादान , दण्डित करने के उपरान्त ही होना चाहिये क्योँकि उन्हेँ उनके अपराध का बोध कराना भी आवश्यक है ।
जहाँ तक फूलन देवी को रेखांकित कर आप द्वारा अपने प्रश्न को कोरिलेट करने की बात है तो मैँ स्पष्ट करना चाहूँगा कि वह प्रतीक मात्र थी - जातीय राजनीति , राजनीति के अपराधीकरण की , अपराधियोँ के महिमामण्डन की , सत्ता और ताक़त के नंगे प्रदर्शन की । मेरे विचार मेँ ये अपराधी बाल्मीकि की भाँति आत्मसुधार कर समाज सुधार करने नहीँ आते अपितु अपने अपराधोँ को सरंक्षित करने या और अधिक ताक़त हासिल करने के लिये राजनीति मेँ प्रवेश करते हैँ और इसके लिये जातीय विद्वेष का विष वमन करने से भी नहीँ चूकते और अन्ततः स्वयं को सेलिब्रिटी , नायक के रूप मेँ स्थापित करने मेँ सफल हो जाते हैँ और शेष रह जाती है इनके शिकार लोगोँ मेँ न्याय की आस ।
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दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो ।
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