Re: उपचार तनाव का
आज मनोविज्ञान में ‘आर्ट थेरेपी’ के अंतर्गत क्रोध अवसाद आदि से ग्रसित व्यक्ति को कागज, केन्वास व कलम-ब्रश थमाकर अपने गुस्से व अवसाद को कागज या केन्वास पर उगलवा कर हल्का तथा शान्त किया जाता है। चिकित्सा विज्ञानी कला अभिव्यक्ति द्वारा स्तन कैंसर ऑपरेशन के बाद विक्षुब्ध एवं तनावग्रसित महिलाओं को राहत दिलवा रहे हैं।
हँसना तनाव की सबसे बड़ी औषधि है। विशेषज्ञों का कहना है कि हँसते समय मस्तिष्क से एण्डोफिन नामक रसायन निस्सृत होता है जो पीड़ा में कमी करता है व प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जीवन की परेशानियों व कुण्ठाओं से उत्पन्न तनाव को हल्का करने का एक उपाय यह भी है कि अपने हृदय की किसी विश्वसनीय बन्धु के आगे खोलें। इससे मन हल्का हो जायेगा व समस्या का समाधान हो जायेगा। जब हम अपने लिए ही परेशान हों, तब दूसरों के लिए भी कुछ करने की सोचें। इससे हमें असीमित आनन्द मिलेगा।
आहार सम्बन्धी असंयम एवं लापरवाही भी तनाव का एक प्रधान कारण है। अति−आहार के कारण पेट में अपच-कब्ज, शरीर में आलस्य व मस्तिष्क में जड़ता कि शिकायत बनी रहती है। पेट हल्का रहे तो शरीर व मन मस्तिष्क सभी हल्के, स्फूर्तिवान व शान्त रहते हैं।
अपने आहार-विहार, कार्य पद्धति एवं दिनचर्या के व्यवस्थित होने पर भी जीवन की प्रतिकूल परिस्थितियों के थपेड़े तनाव पैदा कर देते हैं। इसके लिए आध्यात्मिक उपचार (साधनाओं) द्वारा अंतर्मन को मजबूत बनाया जाये। अध्यात्म दर्शन के समर्थ सम्बल द्वारा जीवन के दृष्टिकोण एवं कार्यपद्धति में हेर-फेर कर जीवन को अधिक रोमाँचकारी व तनावरहित बनाया जा सकता है।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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