Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
लाल तारों के कम होते वजन का कारण पता चला
वाशिंगटन। खगोल विज्ञानियों ने आकाशगंगा में पाए जाने वाले तारों के हर साल कम होते वजन की वजह ढूंढ़ निकालने का दावा किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तारों के ऊपरी वायुमंडल में चलने वाली हवाएं इसकी वजह है। एक अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ता दल ने अपने अध्ययन में कहा कि विशालकाय लाल तारों के ऊपरी वायुमंडल से बहने वाली हवाएं तारों पर पाए जाने वाले तत्वों की भारी मात्रा को हटा देती हैं। यह खोज खगोलविज्ञान और इससे सम्बंधित दूसरे अध्ययनों के लिहाज से महत्वपूर्ण बताई जा रही है। उत्तरी चिली के एक विश्वस्तरीय वेधशाला में लगे अत्याधुनिक टेलीस्कोप के माध्यम से शोधकर्ता दल ने तारों की तस्वीरें ली हैं जिनमें लाल तारों के इर्द-गिर्द अप्रत्याशित धूल कण देखे गए हैं। शोधकर्ता दल के प्रमुख बारनाबी नॉरिस ने कहा कि ये धूल कण उम्मीद से कहीं ज्यादा बड़े आकार में दिखे। यह खोज इन बूढेþ होते और मरते तारों द्वारा इन शक्तिशाली हवाओं का सामना करने की क्षमता के अध्ययन में महत्वपूर्ण हो सकती है। खगोल विज्ञानियों ने कहा कि ये धूलकण शीशे की तरह पारदर्शी हैं। लेकिन यह अद्भुत है कि ये हवाएं हर साल पृथ्वी के आकार से भी ज्यादा बड़ी मात्रा में तारों पर पाए जाने वाले तत्वों को उड़ा ले जाती हैं। इन हवाओं द्वारा उड़ाए गए इन रसायनिक तत्वों की बहुलता पृथ्वी जैसे ग्रहों के निर्माण में और यहां जीवन के उत्पत्ति में महत्वपूर्ण है। बारनाबी ने कहा कि इस खोज से तारों से निकले तत्वों से आकाशगंगा में नए खगोलीय उत्पत्तियों के होने सम्बंधी अध्ययन में मदद मिलने की संभावना है। इस अध्ययन से सम्बंधित रिपोर्ट ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित की गई है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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