Re: इस्लाम से आपका परिचय
जिहाद और कुर्बानी: क्या कहता है इस्लाम ?
इस्लाम धर्म में जिहाद को बड़ा महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। जिहाद इतना अद्भुत और कीमती शब्द है कि इसको समझने में अक्सर भूल या गलती की जाती है।
जिहाद के मायने- जिहाद का वास्तविक मतलब है किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपनी जान की पूरी ताकत लगा देने वाला कारनामा। जिहाद केवल लडऩा या युद्ध करना नहीं है। जिहाद का असली मतलब यह है कि हर इंसान, हर घड़ी अपने उद्देश्य की प्राप्ति में पूरे दिलो-दिमाग से लगा रहे। अपनी समस्त क्षमता धन, यश, बुद्धि, वाणी व लेखनी से लगातार अपनी मंजिल को पाने की कोशिश करता रहे। अपने लक्ष्य और उद्देश्य के लिए ही पूरी तरह समर्पित हो जाए। लक्ष्य प्राप्ति तक बिना रुके जुटा रहे यही जिहाद है।
क्या है कुर्बानी -इस्लाम धर्म में कुर्बानी की बड़ी मान्यता है। मुस्लिम मत के अनुसार हजरत इब्राहिम की यादगार को कुर्बानी कहते हैं। हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे इस्माइल को अल्लाह की प्रसन्नता के लिए कुर्बान करना चाहा। अल्लाह ने हजरत इब्राहिम को पवित्र काबा में नियुक्त कर दिया। तब से अपनी जान के बदले जानवर की कुर्बानी करने की प्रथा बन गई। कुर्बानी की प्रथा इंसान को धर्म के लिये सबकुछ बलिदान कर देने की प्रेरणा देती है।
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