Re: आपकी बेटी, निर्भया
हृदय को आन्दोलित करनेवाली भावभीनी कविता !
रजनीशजी आप घटना पर या घटना घटने वाले पर कविता लिख सकते है क्योंकी आपका हृदय उससे आहत है !!और हम सभी उस पर विचार व्यक्त करते है क्योंकी हृदय हमारा भी उतना ही आहत है ।
....पर उससे भी ज्यादा आहत इसलिए है कि इस देश में ऐसे केसों के भी निर्णय में सालों लग जाते है !
...इसलिए भी आहत है कि इस देश में इतने भुखे नंगे कानुन के नुमाईन्दे है जो ऐसे कुकर्मीयों की पेरवी करते है बजाय बहिष्कार के !
....इसलिए भी आहत है कि इस देश में घटना के तीन साल बाद भी दुरस्त कानुन बनना अभी भी लम्बीत है !
ऐसा इसलिए है क्योंकी जिसकी फटी ना बिवाई वो क्यां जाने पीर पराई !!...और जुता कहां काटता है वो पहनने वाला ही जानता है कि उसकी तकलीफ क्यां है !!
ऐसी घटना देश के उन अगुआओ के साथ घटनी चाहीये जो एक सैकेन्ड में लिए जा सकने वाले कानुन निर्णय को पारित करवाने में सालों लगा देते है !
|