View Single Post
Old 20-12-2015, 09:13 PM   #9
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: आपकी बेटी, निर्भया

Quote:
Originally Posted by arvind shah View Post
हृदय को आन्दोलित करनेवाली भावभीनी कविता !

रजनीशजी आप घटना पर या घटना घटने वाले पर कविता लिख सकते है क्योंकी आपका हृदय उससे आहत है !!और हम सभी उस पर विचार व्यक्त करते है क्योंकी हृदय हमारा भी उतना ही आहत है ।
....पर उससे भी ज्यादा आहत इसलिए है कि इस देश में ऐसे केसों के भी निर्णय में सालों लग जाते है !
...इसलिए भी आहत है कि इस देश में इतने भुखे नंगे कानुन के नुमाईन्दे है जो ऐसे कुकर्मीयों की पेरवी करते है बजाय बहिष्कार के !
....इसलिए भी आहत है कि इस देश में घटना के तीन साल बाद भी दुरस्त कानुन बनना अभी भी लम्बीत है !

ऐसा इसलिए है क्योंकी जिसकी फटी ना बिवाई वो क्यां जाने पीर पराई !!...और जुता कहां काटता है वो पहनने वाला ही जानता है कि उसकी तकलीफ क्यां है !!

ऐसी घटना देश के उन अगुआओ के साथ घटनी चाहीये जो एक सैकेन्ड में लिए जा सकने वाले कानुन निर्णय को पारित करवाने में सालों लगा देते है !
अरविंद शाह जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद. इस प्रतिक्रिया के ज़रिये आपने देश की राजनैतिक-सामाजिक हालात पर ज़ोरदार चोट की है. आपके द्वारा उठाये सभी सवाल आज भी समाधान की तलाश में हैं. विशेष अदालतें भी छः माह में निर्णय नहीं दे पातीं. अवस्क या नाबालिग बलात्कारियों के सामने कानून आज भी असहाय है. 'जाके पाँव न फटी बिवाई....' जैसे शब्दों से आपके आक्रोश को समझा जा सकता है. हमारे राजनेता राजनीति के प्रोफ़ेशनल खिलाड़ी हैं जिन्हें अपना वर्चस्व बनाये रखने में अधिक दिलचस्पी है और देश की गंभीर समस्याओं को हल करने में बहुत कम.

__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote